सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि मंगलौर में एक बच्ची को दिल की जरूरत थी। जब डॉक्टरों ने सारे अस्पतालों में पता किय़ा तो सामने आय़ा की बैगलौर के अस्पताल में एक महिला का दिल परिवार वाले दान कर रहे है।
जिसके बार बड़ी परेशानी ये थी की दिल को 500 किलोमीटर कैसे किया जाए। तब एक एंबुलेस ड्राइवर ने कहा की वो सात घंटे के सफर को चार घंटे में समाप्त कर देगा लेकिन ट्रेफिक जीरो चाहीए। जिसके बाद पुलिस ने सबको सचेत कर दिया
एम्बुलेंस पूरी तरह से बी सी रोड, कल्लाडका, उप्पिनंगडी, नेल्लादी, सकलेशपुर, हसन, नेलमंगला और बेंगलुरु से गुजरेगी। वहीं एंबुलेंस इवर का नाम महोम्मद हनीफ बताया जा रहा है। उसने अपनी जान की प्रवाह नहीं करते हुए 40 दिन की बच्ची जान बचाई।
जिसके बार बड़ी परेशानी ये थी की दिल को 500 किलोमीटर कैसे किया जाए। तब एक एंबुलेस ड्राइवर ने कहा की वो सात घंटे के सफर को चार घंटे में समाप्त कर देगा लेकिन ट्रेफिक जीरो चाहीए। जिसके बाद पुलिस ने सबको सचेत कर दिया
एम्बुलेंस पूरी तरह से बी सी रोड, कल्लाडका, उप्पिनंगडी, नेल्लादी, सकलेशपुर, हसन, नेलमंगला और बेंगलुरु से गुजरेगी। वहीं एंबुलेंस इवर का नाम महोम्मद हनीफ बताया जा रहा है। उसने अपनी जान की प्रवाह नहीं करते हुए 40 दिन की बच्ची जान बचाई।
एंबुलेंस ड्राइवर को सलाम:7 घंटे के सफर को किया चार घंटे में खत्म,बचाई मासुम की जान
Reviewed by Realpost today
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3:43 PM
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