समाज के अंतिम व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए देश व प्रदेश की राजधानी से कई योजनाएं संचालित हैं। खास कर केंद्र सरकार की ओर से गरीब तबके के लोगों को निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। इसके बावजूद शुक्रवार को मर्माहत कर देने वाली एक ऐसी घटना सामने आयी, जिसने व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शुक्रवार की शाम करीब तीन बजे पीपीगंज क्षेत्र के भगवानपुर सब्जी मंडी से ठेले पर अपनी बीमार पत्नी को घर ले जाते देख उनसे जानकारी ली गई तो कई बातें सामने आयी।
बुजुर्ग ठेला चालक रामकेवल (66) निवासी महावनखोर, कैपियरगंज ने बताया कि वह उनकी पत्नी कैलाशी (66) करीब दस वर्षों से बीमार है, जो भी जेवर गहने थे, सब बेंचकर इलाज करा चुका। बताया कि बीते कुछ दिन पहले गिरने से पत्नी की कमर में चोट लग गई, जिसके इलाज के लिए आज सुबह अपने ठेले पर लादकर गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर पीपीगंज पीएचसी पहुंचा, लेकिन वहां न तो डॉक्टर मिले और न ही कोई स्टाफ। काफी देर तक इंतजार के बाद निजी अस्पताल ले गए लेकिन वहां इलाज और भर्ती के लिए पैसा न होने से बीमार पत्नी को वापस घर ले जाना पड़ा रहा है। जबकि मेरे पास आयुष्मान कार्ड भी है। इससे कैसे नि:शुल्क इलाज होता है इसके बारे में न तो मुझे जानकारी है और न ही किसी ने बताया।
रामकेवल ने बताया कि महावखोर चौराहे पर ठेला चलाता है। इससे जो भी कमाई होती है उसी से खर्च चलता है। पत्नी की बीमारी के चलते जो भी घर में थोड़ा बहुत जेवरात था, बेचकर इलाज करा चुका है। बड़ा बेटा जनार्दन परिवार सहित आजमगढ़ रहकर मजदूरी करता है, जबकि छोटा बेटा हमारे साथ रहता है। पूरे प्रकरण की जानकारी कराए जाने के बाद महावनखोर के पूर्व ग्रामप्रधान जनक मिश्रा ने रामकेवल की मदद करने को स्वयं आगे आए। उन्होंने बुजुर्ग दंपती को शनिवार को इलाज के लिए किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने का भरोसा दिलाया।
कैपियरगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. भगवानदास ने कहा कि पीपीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिस महिला चिकित्सक की तैनाती की गई है वह मनमाने तरीके से ड्यूटी करती है। उनके बारे में ज्यादा जानकारी जिले के अधिकारी ही दे पाएंगे। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके तिवारी ने कहा कि पीपीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक के पुत्र का देहांत हो गया था, जिससे वह अक्सर खुद तनाव में रहती है, इस कारण वह रेगुलर ड्यूटी नहीं कर पाती। अन्य स्टाफ क्यों गायब था, इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही किसी दूसरे चिकित्सक की शीघ्र तैनाती कर दी जाएगी।
पत्नी को ठेले पर डाल 8 कि.मी. चला ले गया अस्पताल, देखा ऐसा हाल, शर्मसार हो गई मानवता
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7:20 AM
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