बेटा-बेटी में फर्क की सोच एक बार फिर दिखाई दी। तालग्राम सीएचसी में बुधवार सुबह पांच बजे एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया तो उसका पिता इतना भड़क गया कि उसने बच्ची को वहीं छोड़ने का फैसला कर लिया। मां ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वह जिद पर अड़ा रहा। वह शाम करीब चार बजे बच्ची को भूखा छोड़कर पत्नी को लेकर चला गया। पिता की करतूत पर उससे बात की गई तो उसने साफ कह दिया कि उसके चार बेटी हैं। पांचवीं को पालने की उसमें हिम्मत नहीं है। अगर कोई बेटी को उसके पास लेकर आया तो वह उसे मार देगा। फिलहाल बच्ची अस्पताल में स्टाफ नर्स की देखरेख में है।
तालग्राम के एक गांव में रहने वाली महिला को बुधवार तड़के प्रसव पीड़ा होने पर सरकारी एंबुलेंस से तालग्राम सीएचसी में भर्ती कराया गया। सुबह करीब पांच बजे महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। स्टाफ नर्स ममता ने बताया कि बेटी के जन्म की जानकारी पर दंपति रोने लगे। बताया कि पहले से चार बेटियां हैं। बेटे की आस थी। पिता बेटी होने पर इतना भड़का कि उसने अस्पताल में ही नवजात बच्ची को मार देने की बात कही। बच्ची की मां ने समझाया भी लेकिन वह बच्ची को अपनाने के लिए राजी नहीं हुआ। शाम चार बजे तक मां के साथ रही बच्ची ने कुछ देर दूध पीया। इसके बाद दंपति बिना बताए अस्पताल से चले गए।
बिस्तर पर अकेले लेटी बच्ची जब रोई तो माधौनगर की दाई गीतांजलि व स्टाफ नर्स ममता ने सीने से लगाकर चुप कराया। इसके बाद दूध का इंतजाम किया। स्टाफ नर्स ने बताया कि नवजात बच्ची स्वास्थ्य है। वजन डेढ़ किलो है। यह स्वस्थ बच्चे की तुलना में कुछ कम है। दाई गीतांजलि अपने किसी नि:संतान रिश्तेदार को यह बच्ची गोद देना चाहती हैं। ऐसी ही इच्छा नर्स चित्रा ने भी जताई है। डॉ. इरशाद का कहना है कि बच्ची स्टाफ नर्स की देखरेख में है
पसन्द नहीं पांचवीं बेटी...अस्पताल में छोड़ दिया उसको, पिता बोला कोई भी उसे लेकर आया तो मार दूंगा
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7:23 AM
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