वर्तमान में कुमारी शैलजा का राजस्थान आना मुख्यमंत्री से मिलना और फिर कर्नाटक से डीके शिव कुमार का जयपुर आना और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलना कई समीकरणों को जन्म दे रहा है !
क्योंकि दोनों का ही राजस्थान के कोई वास्ता नहीं है ऐसे में क्या दोनों की मुकालात सिर्फ व्यक्तिगत थी या फिर कुछ और माना जा रहा है कि आलाकमान के कहने पर ही दोनों अशोक गहलोत से मिले हैं और आलाकमान के संदेश को गहलोत को मानने के लिए कहा गया है ! क्षय
क्योंकि कुमारी शैलजा और डी शिवकुमार दोनों ही सोनिया गांधी के नजदीक हैं बेहद करीबी हैं अब हम आपको बताते हैं कि इन मुलाकातों के क्या माइने हो सकते हैं !
पहला मतलब तो साफ है कि अशोक गहलोत आलाकमान के फैसलों को मान नहीं रहे हैं और इसलिए जब अजय माकन से काम नहीं चला तो फिर शैलजा कुमारी और डी शिवकुमार के जरिए आलाकमान ने अपना फैसला भिजवाया है !
अब बात करते है इसके दूसरे माइने की मुमकिन है कि अशोक गहलोत को AICC में कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी की जा रही है !
ऐसे में कुमारी शैलजा हरियाणा में भुपेंद्र हुड्डा से सियासी अदावत को कैसे खत्म किया जाए कैसे हरियाणा में कांग्रेस को मजबूत किया जाए इसपर मंथन करने के लिए जयपुर आई हों !
वहीं डी शिवकुमार कर्नाटक में कांग्रेस के अंतरद्वंद को कैसे दूर किया जाए कैसे सिदारमैया के साथ मेल बैठाया जाए इसपर मंथन करने आये हों !
अगर ऐसा है तो फिर आलाकमान सचिन को नहीं बल्कि अशोक गहलोत को AICC में लाना चाहता है और उनको कार्यकारी अध्यक्ष बनाना चाहता है !
क्योंकि अहमद पटेल के बाद अशोक गहलोत की गांधी परिवारे के करीबी बचे हैं और राजनीति तौर पर भी मजबूत हैं !
लेकिन ऐसा करने से राजस्थान में सचिन के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओँ को भी नकारा नहीं जा सकता !
क्योंकि गहलोत के AICC में कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद सचिन के राजस्थान मुख्यमंत्री बनने की पूरी संभावना है हालांकि दोनों ही नेता ने कहा कि वो कोई संदेश लेकर नहीं आए बल्कि व्यक्तिगत मुलाकात करने आए हैं