जयपुर। राज्य के छह जिलों मे हुए पंचायत चुनावों में सबसे दिलचस्प चुनाव दूदू विधानसभा क्षेत्र में हुआ जहां अपने आपको मुख्यमंत्री समर्थक कहने वाले निर्दलीय विधयक बाबूलाल नागर को करारी मात मिली। नागर ने अपनी पुत्र को जिला परिषद से चुनाव लड़वा उप जिला प्रमुख बनाने के सपने संयो रखे थे तो पुत्र वधू को मौजमाबाद से प्रधान,लेकिन उन्हें राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का विरोध इतना महंगा पड़ा कि नागर के सारे सपने चकनाचूर हो गए।
मोजमाबाद में 2 सीटों पर सिमटी कांग्रेस
मौजमाबाद पंचायत से पंचायत समिति सदस्य के रूप में भाग्य आजमा रही बहू रूपाली नागर जीत तो गई, लेकिन प्रधान बनने का सपना टूट गया। मौजमाबाद में 17 में से 14 सीटे बीजेपी ने जीती, कांग्रेस 2 पर सिमट रह गई। जिला परिषद चुनाव में तो नागर के पुत्र विकास नागर को करारी हार का सामना करना पड़ा हैं। विकास नागर वार्ड 12 से जिला परिषद सदस्य के रूप में चुनाव मैदान में थे। नागर ने पायलट समर्थित मतदाताओं की नाराजगी दूर करने के लिए हर सभा और हर वैनर और पम्पलैट पर पायलट का फोटों लगाया था,लेकिन मतदाताओं ने नागर परिवार की दावेदारी को पूरी तरह खारिज कर दिया। विकास को 1300 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा के मनोहर लाल ने दी शिकस्त
नागर पुत्र से पायलट ने माला भी स्वीकार नहीं की थी
जिला परिषद चुनाव लड़ रहे विकास नागर ने सचिन पायलट के बालोतरा से वापसी के समय दूदू में स्वागत की भी कोशिश की थी,लेकिन प्रत्यदर्शियों की माने तो पायलट ने माला स्वीकार नहीं की। उसी दिन दूदू की जनता में संदेश चला गया था। वैसे भी नागर से पायलट समर्थक पहले से ही नाराज थे। इन दोनों ही क्षेत्रों मे चुनाव प्रचार की कमान नागर ने स्वयं संभाल रखी थी